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विश्वविद्यालय दे
 
विश्वविद्यालय दे
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=== [[सम्पूर्ण शिक्षा क्षेत्र का विचार]] ===
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धर्माचार्यों की भूमिका, शिक्षा धर्म सिखाती है, धर्माचार्य किसे
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कहेंगे ?, आज हम क्या करें ?, तप के उदाहरण, धर्माचार्यों के लिये
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तप, समाज के लिये तप, भारत के शिक्षाक्षेत्र की पुर्नचना,
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भारत में भारतीय शिक्षा होनी चाहिये, भारतीय शिक्षा हेतु कार्यरत
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संगठन, वैश्विक शिक्षा के हिमायती, अभारतीयता का आधार, शिक्षा
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भारतीय कब होगी ?, भारतीय शिक्षा के विचारणीय सूत्र, आज के
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जमाने में यह नहीं चलेगा, पुरुषार्थ करने की आवश्यकता है, भारतीय
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के आयाम इस प्रकार हैं..., शैक्षिक पुर्नरचना,
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अध्ययन और अनुसन्धान, पाठ्यक्रम निर्माण, सन्दर्भ साहित्य का
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निर्माण, आर्थिक पुर्नरचना, शिक्षा के व्यवस्थापक्ष की पु्नरचना,
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किसकी शिक्षा कहाँ और कैसे हो
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