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दोषी सब हैं । परन्तु शिक्षक को दायित्व लेना चाहिये तो भी वह लेता नहीं है और शिक्षक के अलावा और किसी ने लिया तो शिक्षा की दुरवस्था बदल नहीं सकती । इस स्थिति में शिक्षक नहीं तो और कौन दोषी है ?
 
दोषी सब हैं । परन्तु शिक्षक को दायित्व लेना चाहिये तो भी वह लेता नहीं है और शिक्षक के अलावा और किसी ने लिया तो शिक्षा की दुरवस्था बदल नहीं सकती । इस स्थिति में शिक्षक नहीं तो और कौन दोषी है ?
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औरों के दोष भी शिक्षक दूर नहीं करेगा तब तक दूर नहीं होंगे । फिर भी यदि शिक्षक करता नहीं है और रोता रहता है तो शिक्षक के अलावा और कौन दोषी है ?  
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औरों के दोष भी शिक्षक दूर नहीं करेगा तब तक दूर नहीं होंगे । तथापि यदि शिक्षक करता नहीं है और रोता रहता है तो शिक्षक के अलावा और कौन दोषी है ?  
    
=== प्रश्न ७. आज के विद्यार्थियों में ज्ञान तो ठीक, संस्कार भी दिखाई नहीं देते हैं । संस्कार देने की व्यावहारिक योजना क्या हो सकती है ? (एक कार्यकर्ता का प्रश्न) ===
 
=== प्रश्न ७. आज के विद्यार्थियों में ज्ञान तो ठीक, संस्कार भी दिखाई नहीं देते हैं । संस्कार देने की व्यावहारिक योजना क्या हो सकती है ? (एक कार्यकर्ता का प्रश्न) ===
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'''उत्तर''' शिक्षा के विभिन्न प्रश्नों के लिये विभिन्न वर्गों के साथ बात करनी चाहिये । उदाहरण के लिये शिक्षानीति की बात सरकार से, विद्यालय की व्यवस्थाओं की बात संचालकों से, अध्यापन पद्धतियों की बात शिक्षकों से, बालकों के संगोपन की बात अभिभावकों से और विनयशील आचरण की बात विद्यार्थियों से करनी चाहिये ।
 
'''उत्तर''' शिक्षा के विभिन्न प्रश्नों के लिये विभिन्न वर्गों के साथ बात करनी चाहिये । उदाहरण के लिये शिक्षानीति की बात सरकार से, विद्यालय की व्यवस्थाओं की बात संचालकों से, अध्यापन पद्धतियों की बात शिक्षकों से, बालकों के संगोपन की बात अभिभावकों से और विनयशील आचरण की बात विद्यार्थियों से करनी चाहिये ।
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फिर भी शिक्षाविषयक किसी भी प्रश्न की चर्चा करने का केन्द्रवर्ती स्थान शिक्षक ही है । समस्या और समस्या के निराकरण का प्रारम्भ बिन्दु शिक्षक है । वह यदि बातों को ठीक से समझता है तो समस्‍यायें सुलझने लगती है ।
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तथापि शिक्षाविषयक किसी भी प्रश्न की चर्चा करने का केन्द्रवर्ती स्थान शिक्षक ही है । समस्या और समस्या के निराकरण का प्रारम्भ बिन्दु शिक्षक है । वह यदि बातों को ठीक से समझता है तो समस्‍यायें सुलझने लगती है ।
    
=== प्रश्न ५१. आज के युवा ब्रह्मचर्य का पालन कर सकें ऐसी स्थिति ही नहीं है । इसका परिणाम तो बहुत विपरीत होता है, परन्तु बचने का उपाय क्या है ? ===
 
=== प्रश्न ५१. आज के युवा ब्रह्मचर्य का पालन कर सकें ऐसी स्थिति ही नहीं है । इसका परिणाम तो बहुत विपरीत होता है, परन्तु बचने का उपाय क्या है ? ===
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# व्यायाम अनिवार्य बनाना ।
 
# व्यायाम अनिवार्य बनाना ।
 
साथ ही प्रबोधनात्मक आग्रह बढ़ने चाहिये जैसे कि..
 
साथ ही प्रबोधनात्मक आग्रह बढ़ने चाहिये जैसे कि..
##बाइकसवारी छोड़कर साइकिल का प्रयोग करना ।
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# बाइकसवारी छोड़कर साइकिल का प्रयोग करना ।
##तंग कपडों का त्याग करना ।
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# तंग कपडों का त्याग करना ।
##मनोरंजन और अध्ययन का सन्तुलन बनाना ।
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# मनोरंजन और अध्ययन का सन्तुलन बनाना ।
##अधथर्जिन और गृहस्थाश्रम के बारे में विचार करना ।
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# अधथर्जिन और गृहस्थाश्रम के बारे में विचार करना ।
##विनयशील होना ।
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# विनयशील होना ।
 
आज देखा यह जाता है कि युवा विद्यार्थियों के मातापिता चिन्तित भी हैं और अज्ञान भी । महाविद्यालयों ने अभिभावकों के साथ संवाद की व्यवस्था बनानी चाहिये । अध्यापक और मातापिता दोनों ने मिलकर विद्यार्थियों के चरित्र के बारे में चिन्तन और उपाय करने चाहिये ।
 
आज देखा यह जाता है कि युवा विद्यार्थियों के मातापिता चिन्तित भी हैं और अज्ञान भी । महाविद्यालयों ने अभिभावकों के साथ संवाद की व्यवस्था बनानी चाहिये । अध्यापक और मातापिता दोनों ने मिलकर विद्यार्थियों के चरित्र के बारे में चिन्तन और उपाय करने चाहिये ।
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=== प्रश्न ५७. ऐसी एक पुस्तक का नाम दें जो भारत के हर शिक्षित व्यक्ति को पढनी और समझनी चाहिये । (एक जिज्ञासु का प्रश्र) ===
 
=== प्रश्न ५७. ऐसी एक पुस्तक का नाम दें जो भारत के हर शिक्षित व्यक्ति को पढनी और समझनी चाहिये । (एक जिज्ञासु का प्रश्र) ===
'''उत्तर''' श्रीमद भगवदूगीता
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'''उत्तर''' श्रीमद भगवदगीता
    
=== प्रश्न ५८. क्या अंग्रेजी बोलने वाले और मातृभषा नहीं बोलने वाले कम देशभक्त होते हैं ? (एक जिज्ञासु का प्रश्र) ===
 
=== प्रश्न ५८. क्या अंग्रेजी बोलने वाले और मातृभषा नहीं बोलने वाले कम देशभक्त होते हैं ? (एक जिज्ञासु का प्रश्र) ===

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